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What is One Nation One election
- एक देश एक चुनाव का अर्थ है कि देश में एक बार ही चुनाव होगा
- विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ कराए जाएंगे और नगर पंचायत और गांव के 100 दिन के अंदर चुनाव कराए जाएंगे
- एक सरकार बनाने के लिए
- फिर अगले पंचवर्षीय आएगी फिर एक चुनाव होगा
- जैसे भारत में अलग-अलग राज्य हैं तो अलग-अलग चुनाव होते हैं हर राज्य में मुख्यमंत्री के लिए
- चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्चे में कमी आएगीऔर वही खर्च पब्लिक के लिए खर्च होगा
- बार-बार चुनाव कराने में जो परेशानी आती है उससे मुक्ति मिलेगी समय बचेगा
- प्रशासन जो अक्सर चुनाव में लगा रहता है हर एक साल के बाद कहीं-कहीं चुनाव ही रहता है देश में कहीं ना कहीं तो प्रशासन हमारा जो होता है वह चुनाव कराने में ही लगा रहता है चुनाव आयोग तो उसको भी थोड़ा समय मिलेगा देश के बारे में सोने का और वह देश को आगे बढ़ाएंगे
- बार-बार आचार संहिता का असर पड़ता है हमारे देश में क्योंकि जब आचार संहिता लागू होती है तो बहुत सारी कार्रवाई रुक जाती है जो नहीं किया जाता है आचार संहिता में
- और काले धन पर भी रोक लगा सकते हैं
- कारण यह है कि जब चुनाव होता है तो परियों फंड इकट्ठा करती हैं चुनाव लड़ने के लिए
- तो चुनाव नजदीक आता है तो बहुत सारी परेशानी आती है चुनाव प्रचार के लिए सारे नेता निकल पड़ते हैं रोड पर और उसमें आम पब्लिक भी भीड़ जाती है
- जब चुनाव नजदीक आता है तो सारे नेता चुनाव के लिए गांव-गांव और कश्मीर में जाते हैं इसलिए बच्चे और जो फैमिली वाले लोग हैं वह कभी प्रभावित होते हैं इससे क्योंकि चुनाव के वक्त माहौल थोड़ा गड़बड़ हो जाता है
- सुझाव दिया गया है कि देशभर में दो चरणों में चुनाव कराया जाए
- पहले चरण में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जाएं
- दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर ही स्थानीय निकाय के चुनाव कराया जा सकते हैं
- चुनाव आयोग एक ही वोटर लिस्ट तैयार कर सकते हैं
- सुरक्षा बलों प्रशासनिक अफसर और कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए एडवांस में प्लानिंग करने की सिफारिश की गई है ताकि कोई परेशानी ना आए चुनाव के समय
- इस चीज को लेकर के काफी अच्छी प्लानिंग चल रही है कि कोई त्रुटि न होने पाए
- वन नेशन वन इलेक्शन के लिए कानून बनाया जा रहा है
- कानून बनाने के लिए संसद में पास करना होगा
- बिल संसद से पास होगा उसके बाद कानून बनेगा
- संविधान संशोधन किया जाएगा
- संसद के विशेष बहुमत यानी सदन की कुल सदस्यता के 50% से ज्यादा और सदन में मौजूद और वोट देने वाले सदस्यों का दो तिहाई बहुमत चाहिए होगा कोई भी नियम कानून बनाने के लिए
- संसद से पास होने के बाद इस बिल को कम से कम 15 राज्यों की विधानसभा का अनुमोदन भी जरूरी होगा यानी 15 राज्यों में विधानसभा से भी इस बिल को पास करवाना जरूरी है