पूरा नाम | चंद्रशेखर आजाद रावण |
जन्मदिन | 3 दिसंबर 1986 |
जन्म स्थान | गड़खौली गांव |
पिता | गोवर्धन दास |
माता | कमलेश देवी |
भाई | not know |
बहन | not know |
पत्नी | वंदना कुमारी |
गांव | घड़खौलि |
जिला | सहारनपुर |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
देश | भारत |
शिक्षा | बैचलर ऑफ़ लॉ |
पेशा | राजनीतिक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता |
उद्देश्य | बहुजन मुक्ति |
राजनीतिक पार्टी | आजाद समाज पार्टी |
चंद्रशेखर आजाद रावण एक उगते हुए सूरज की तरह एक अंबेडकर वादी नेता है चंद्रशेखर आजाद जो भारत में इन दिनों काफी चर्चा में है आजाद पहली बार चर्चा में तब आए जब उन्होंने अपने गांव के बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगाकर लिख दिया था कि द ग्रेट चमार तभी गांव के तथा कथित ऊंची जात के लोगों ने उसे बोर्ड को हटाने के लिए दंगा लड़ाई छेड़ दिया चंद्रशेखर आजाद एक बहुत ही सामान्य परिवार के बच्चे हैं
जिन्होंने अपनी लाइफ में बहुत ही दिक्कतें झेली हैं और समाज में उच्च नीच का भाव देखा था तो उन्होंने अपने समाज को तोड़ा उठाने के लिए या उन्हें अच्छा महसूस करने के लिए उन्होंने गांव के बाहर एक बोर्ड होल्डिंग लगा दी थी जिसमें लिखा था तक द ग्रेट चमार इसी कारण बस गांव की तथा कथित ऊंची जात के लोगों ने उनको लगा कि यह इस कास्ट के लोग अपने आप को बहुत बड़ा मानने लगे हैं
इसलिए ऊंची जात के लोगों ने उन लोगों को मारा पीटा और उसे बोर्ड को हटाने के लिए बहुत बड़ा दंगा छेड़ दिया फिर वहां पर पुलिस भी आई और बहुत दिक्कतें भी हुई गांव के लोगों को ने लेकिन वह बोर्ड चंद्रशेखर आजाद ने नहीं हटने दिया।
चंद्रशेखर आजाद रावण ने जब यह देखा कि हम लोग कितना भी अच्छा कर लें कितने भी अच्छा पढ़ लिख लें कितने भी अच्छे बन जाएं पर ऊंची जात के लिए हम लोग कभी भी वह हमें अच्छा नहीं मानते हैं और हमें हमेशा प्रताड़ित करेंगे यह सब सोच कर उन्होंने इस समय एकसंगठन बनाया जिसका नाम था भीम आर्मी जी हां जब आजाद ने देखा कि हमारे लोग बहुत कमजोर हैं और वह अपने आप को अलग-अलग मान रहे हैं कि उसके घर में जिसकी घर में लड़ाई है
वही सिर्फ लड़ाई बस तो इसलिए यह सब देखते हुए चंद्रशेखर आजाद ने एक संगठन बनाने का प्रयास किया जिसमें वह सफल भी रहे जिस दिन झगड़ा हुआ था उसी दिन उन्होंने इसी समय अपने मित्रों को बुलाया अपने दोस्तों को बुलाया और एक संगठन बनाया जिसका नाम भीम आर्मी रखा भीम आर्मी की स्थापना आजाद सतीश कुमार और विनय रतन सिंह ने 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की और धीरे-धीरे करके और गांव के लोगों से थोड़ा-थोड़ा चंदा लेकर के उन्होंने एक फाउंडेशन बनाया
भीम आर्मी और उसमें लोग थोड़ा-थोड़ा पैसा डालने लगे उसी से फिर आजाद ने भीम आर्मी को बाहर भी फैलाया और आज ना कि केवल उत्तर प्रदेश में ना कि उनके केवल गांव में ना कि उनके केवल जिले में भीम आर्मी पूरे भारत में काम कर रही है और लोगों की सहायता करती है गरीब मजदूर किसी को भी किसी प्रकार की कोई प्रताड़ना होती है चाहे वह दलित हो चाहे दलित ना हो वह कोई भी हो वह उनकी सहायता करते हैं कई बार आजाद चंद्रशेखर ने कई कई राज्य के सरकार से भी अपनी मांग मनवाया है और सरकार से लड़ाई भी किया है गरीबों के लिए मजदूरों के लिए।
चंद्रशेखर आजाद रावण का प्रारंभिक जीवन- Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi
चंद्रशेखर आजाद रावण पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुरके घडखौती गांव के रहने वाले हैं उनके पिताजीएक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल हैं और उनके पिताजी का नाम गोवर्धन दास है चंद्रशेखर आजाद रावण अपने गांव में छोटे-मोटे ऑफीशियली काम के लिए फेमस है या प्रसिद्ध थे।
चंद्रशेखर आजाद जब सक्रिय हुए- Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi
- चंद्रशेखर आजाद द्वारा आजाद समाज पार्टी बनाई गई जो एक भारतीय राजनीतिक दल है जिसे औपचारिक रूप से 15 मार्च 2020 को रावण द्वारा लांच किया गया था
- बहुत सौभाग्य की बात है कि यह घोषणा बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक काशीराम की86 जयंती पर की गई थी
- आजाद समाज पार्टी ने 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार की हर सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई
- चंद्रशेखर आजाद रावण ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लड़ने के लिए अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करके गठबंधन में शामिल होने की घोषणा की
- आजाद समाज पार्टी को सबसे ज्यादा पसंद करने वाली जो जनता है वह अनुसूचित जनजातियों से आती है और अनुसूचित जातियों से आती है।
- चंद्रशेखर आजाद रावण ने अपना कैरियर भीम आर्मी के नेता के रूप में शुरू किया था
- चंद्रशेखर आजाद रावण ने कुछ दिनों बाद राजनीतिक में भाग लेने के लिए आजाद समाज पार्टी का गठन किया
- चंद्रशेखर आजाद रावण को सहारनपुर हिंसा की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था
- चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार करने के बाद उन पर बहुत सारी जांच हुई पड़ताल हुई तो उन्हें बाद में जमानत दे दी गई इलाहाबाद उच्च न्यायालय के द्वारा
- चंद्रशेखर आजाद रावण को एक बार तुगलकाबाद में श्री गुरु रविदास गुरु घर के विध्वंस के विरोध में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।