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Mayawati biography in Hindi

Mayawati biography in Hindi

Mayawati biography in Hindi

पूरा नाम श्रीमती मायावती जी
अन्य नाम बहन कुमारी मायावती जी/आयरन लेडी
जन्म तिथि 15 जनवरी 1955
जन्म स्थान सुचेता कृपलानी हॉस्पिटल न्यू दिल्ली इंडिया
पिता का नाम श्री प्रभु दास
माता का नाम श्रीमती राम रती
भाई का नाम आनंद कुमार
बहन का नाम नहीं पता
पति का नाम नहीं है
बच्चे नहीं है
पेशा  राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता
उम्र 67 ईयर
राजनीतिक पार्टी बहुजन समाज पार्टी
राष्ट्रीयता  भारतीय
गृह नगर
धर्म बुद्धिस्ट
ब्लड ग्रुप नहीं पता
पता कोठी नंबर 13 ए माल एवेन्यू लखनऊ
वर्तमान पता  अज्ञात
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
शैक्षणिक योग्यता B. A. , B ED , LLB  
स्कूल अज्ञात
कॉलेज / यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ दिल्ली
राशि मकर
कद 5 फुट 2 इंच
वजन 70 से 80 किलोग्राम
आंखों का रंग काला 
बालोंका रंग काला 
हॉबीज रीडिंग राइटिंग
फेमस राजनेता
फेवरेट फूड जलेबी
फेवरेट बुक भारत संविधान
करंट पोजीशन बीएसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष
वेतन या पेंशन 25000 से 50000 के बीच में पेंशन
नेट वर्थ डेढ़ सौ करोड रुपए
कार संग्रह  10 कार
ट्विटर फॉलोअर्स 3.3+ मिलियन फॉलोअर्स
इंस्टाग्राम फॉलोअर्स अकाउंट नहींहै
फेसबुक फॉलोअर अकाउंट नहीं है
युटुब सब्सक्राइबर्स अकाउंट नहीं है
वेबसाइट नहीं पता
ईमेल नहीं पता
फोन नंबर या मोबाइल नंबर नहीं पता

 

मायावती जी का शुरुआती जीवन-Mayawati biography in Hindi

 

श्श्री मती मायावती जी का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में एक मध्यम वर्ग परिवार में हुआ था मायावती जी के पिता का नाम प्रभु दास था इनके पिताजी बादलपुर पोस्ट ऑफिस के एम्पलाई थे जो गौतम बुद्ध नगर में पड़ता है मायावती जी ने B. A. की डिग्री सन 1975 में कालिंदी कॉलेज से किया फिर इन्होंने एलएलबी की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल किया सन 1983 में इन्होंने गाजियाबाद के मेरठ यूनिवर्सिटी के वी एम एल जी कॉलेज से B.Ed की डिग्री हासिल किया मायावती जी पढ़ाने का काम शुरू कर चुकी थी और साथ में इन्होंने अपनी (I A S)  की तैयारी भी जारी रखी सन 1977 में काशीराम जी उनके घर जाते हैं जो की एससी एसटी के उसे समय के सबसे बड़े शुभचिंतक और राजनेता के रूप में थे। 

 

मायावती जब 21 साल की थी तो उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार थी राज नारायणजी स्वास्थ्य मंत्री थे। जो अपने आप में एक बहुत बड़े लीडर थे उस समय के जनता पार्टी के राज नारायण और बड़े-बड़े नेता कांस्टीट्यूशनल क्लब में आए इस सभा में उस वर्ग को सम्मिलित करने की बात हुई जिसको उस समय राइट्स नहीं थे। 

यहां पर बहुत सारे दलित लीडरों को बुलाया गया एससी एसटी की भी जनता को बुलाया गया राज नारायण ने जब अपनी स्पीच दिया जो उसमें एससी एसटी के लिए उन्होंने हरिजन शब्द का प्रयोग किया और फिर इनके स्पीच के बाद मायावती जी स्पीच देने जाती हैं मायावती जी ने अपनी स्पीच में कहती है कि हरिजन शब्द हमारा अपमान है इसे कहना बंद करो उन्होंने सीधा राज नारायण पर निशाना सदा कहा कि बीआर अंबेडकर ने भी संविधान में एससी एसटी को हरिजन नहीं कहा तो तुम क्यों कह रहे हो मायावती जी ने बहुत ही कठोर शब्दों में उन्हें कहा कि आपकी हिम्मत कैसे हुई हरिजन शब्द का  इस्तेमाल करने की एससी-एसटी के लिए एससी एसटी हरिजन नहीं है। 

मायावती जी ने इतना जोरदार भाषण दिया कि वहां के सभी लोग खड़े होकर के उनके लिए तालियां बजाने लगे। 

मायावती जी जब स्पीच दे चुकी तो उनको सब लोग उनके पास आकर के बधाइयां दे रहे थे। उसके बाद मायावती जी अपने घर चली गई।  मान्यवर कांशीराम जी भी उस सभा में उपस्थित थे। और वह यह सब देख रहे थे बहुत ही आश्चर्यचकित होकर के उन्होंने यह सब देखने के बाद यह निर्णय लिया कि वह मायावती से मिलने जाएंगे उनके घर मान्यवर कांशीराम समझ चुके थे कि मायावती जी के अंदर एक राजनीतिज्ञ छुपा हुआ है बस उसको बाहर निकालने की जरूरत है।

काशीराम जी मायावती जी के घर जाते हैं उनसे मिलने के लिए मायावती जी दरवाजा खोलती हैं तो देखते हैं कि उनके सामने कांशीराम जी खड़े हैं वह चौंक जाती है कि इतने बड़े लीडर उनके घर पर हैं और उनके सामने खड़े हैं कांशीराम जी ने मायावती जी के बारे में बातचीत किया उनके पिताजी से भी बातचीत की और उनके जीवन के बारे में पूछा कि उनका लक्ष्य क्या है मायावती जी ने बताया कि वह दिन में लाँ LAW  की पढ़ाई करती हैं और रात में IAS  की पढ़ाई करती हैं। मायावती जी ने बताया कि वह इस बनकर समाज सेवा करना चाहती हैं।

यह  सब सुनकर कांशीराम जी बहुत खुश हुए और बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुए उनके मकसद से,काशीराम जी मायावती जी से बोले कि मैं तुम्हें एक ऐसा पद पर बिठाऊंगा जहां पर आईएएस पीसीएस तुम्हारे आगे पीछे घूमेंगे और तुम जब चाहे आईएएस पीसीएस को जो आर्डर दे सकते हो और जितना चाहे जिस तरह चाहे समाज को बदल सकते हो और समाज की सेवा भी कर सकती हो।

मायावती जी यह सब सुनकर के बहुत प्रभावित हुई और कहा ठीक है लेकिन उनकी फैमिली मना कर रही थी कि आप पॉलिटिक्स में न जाओ। लेकिन मायावती जी नहीं मानी और वह काशीराम जी के साथ चली गई। मायावती जी करोल बाग में जो बामसेफ का ऑफिस था वहीं रहने लगी उस समय उनको पैसों की बहुत दिक्कत हुई। 

 

मायावती जी का राजनीतिक कैरियर की शुरुआत-Mayawati biography in Hindi

 

मायावती जी के बारे में कुछ रोचक तथ्य-Mayawati biography in Hindi

 

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